केन बेतवा नदी लिंक परियोजना का कल खजुराहो में होगा भूमि पूजन।

200 किलोमीटर से अधिक लंबी नहर से केन नदी का पानी मिलेगा बेतवा से,कल खजुराहो में पीएम मोदी करेंगे भूमि पूजन।

*मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के 60 लाख से अधिक लोगों को होगा फायदा*

विशेष - जलसंकट से जूझते बुंदेलखंड के खेतों में सिंचाई के लिए केन-बेतवा नदी जोड़ो परियोजना की कल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आधारशिला रखने जा रहे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार को खजुराहो में इस रिवर लिंकिंग प्रोजेक्ट का भूमिपूजन करेंगे। 

        जानकारी के अनुसार 220 किमी लंबी नहर के माध्यम से केन नदी का पानी मिलेगा वेतबा से। इससे मध्यप्रदेश के 44 लाख लोगों के साथ उत्तरप्रदेश के भी 21 लाख लोगों को फायदा होगा।

प्रधानमंत्री मोदी बुधवार की दोपहर खजुराहो एयरपोर्ट पहुंचेंगे। वे दो घंटे कार्यक्रम में मौजूद रहेंगे।कार्यक्रम में केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सीआर पाटिल, सीएम डॉ. मोहन यादव, केंद्रीय मंत्री डॉ. वीरेंद्र कुमार खटीक, खजुराहो सांसद वीडी शर्मा, एमपी के जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट और एमपी-यूपी के बुंदेलखंड क्षेत्र के सांसद और विधायक मौजूद रहेंगे।

केन नदी पर बनाए जायेंगे दो डैम एवं दो टनल जिनके माध्यम से पानी को केन से बेतवा में छोड़ा जाएगा छतरपुर जिले के खजुराहो से करीब 28 किलोमीटर की दूरी पर दौधन गांव में केन नदी पर दौधन बांध बनाया जाएगा। यहीं दो टनल और पावर जनरेशन प्लांट बनाया जाएगा। दौधन डैम से छतरपुर, टीकमगढ़, झांसी और निवाड़ी जिले के गांवों से होते हुए नहर का पानी झांसी जिले में बरुआसागर के करीब पारीछा बांध के ऊपरी हिस्से में छोड़ा जाएगा।

केन-बेतवा नदी जोड़ो परियोजना किन किन जिलों को होगा फायदा?

आपकी जानकारी के लिए बता दें एमपी के 10 जिलों को फायदा होगा जिनमे छतरपुर, पन्ना, टीकमगढ़, निवाड़ी, दमोह, सागर और दतिया के साथ-साथ शिवपुरी, विदिशा और रायसेन को फायदा मिलेगा।

यूपी के उन जिलों को फायदा होगा होगा जो एमपी की बार्डर से लगे है जिनमे महोबा, झांसी, बांदा और ललितपुर को फायदा मिलेगा।

परियोजना पूरा होने से करीब 8 लाख 11 हजार हेक्टेयर कृषि भूमि की सिंचाई की सुविधा उपलब्ध होगी और 65 लाख लोगों को पीने का पानी मिलेगा।

बुंदेलखंड में आने वाले उत्तर प्रदेश के 2 लाख 52 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई और पेयजल की सुविधा भी इससे मिल सकेगी।

103 मेगावाट जलविद्युत और 27 मेगावाट सौर ऊर्जा भी पैदा होगी।

केन बेतवा नदी लिंक परियोजना से होने वाले फायदे जिसमे सूखा घटाने में मदद मिलेगी नदियों को आपस में जोड़ने से बुंदेलखंड क्षेत्र में सूखे की स्थितियों में कमी आएगी।किसानों को फायदा-बुंदेलखंड क्षेत्र में किसान कुआं,ट्यूबवेल और तालाबों पर आश्रित हैं। लेकिन, बारिश कम होने की स्थिति में कई बार रबी की फसल के लिए पानी मिलना मुश्किल होता है। नदियों के जुड़ने से किसानों की ग्राउंड वाटर पर निर्भरता कम होगी। बल्कि सिंचाई के लिए स्थायी व्यवस्था हो सकेगी।

बहु उद्देशीय बांध से न केवल जल संरक्षण में तेजी आएगी, बल्कि 103 मेगावाट जल-विद्युत का उत्पादन भी होगा।

पन्ना टाइगर रिजर्व के जल संकट वाले क्षेत्रों में बांधों के निर्माण से जंगलों का जीर्णोद्धार होगा जो इस क्षेत्र में जैव विविधता को मजबूती मिलेगी। आर्थिक विकास और सिंचाई और पेयजल की उपलब्धता बढ़ेगी।

बुंदेलखंड क्षेत्र में कृषि और अन्य आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा।

केन बेतवा लिंक परियोजना मॉडल

केन बेतवा लिंक परियोजना के दो चरण हैं।

पहला चरण

जिसमे पन्ना छतरपुर जिले के बॉर्डर पर केन नदी पर 77 मीटर चौड़ा और 2 किलोमीटर लंबा बांध बनाया जाएगा।

बांध से जल परिवहन के लिए दो सुरंगें बनाई जाएंगी। इनमें एक अपर टनल और एक लोअर टनल होगी।

बांध से 221 किलोमीटर लंबी केन-बेतवा लिंक नहर निकाली जाएगी। नहर से पन्ना, छतरपुर, टीकमगढ़, झांसी लाभान्वित होंगे।

दूसरा चरण

उर नदी पर लोअर उर बांध कोठा बैराज जो बीना कॉम्प्लेक्स परियोजना के अन्तर्गत निर्माधीन है। सेकेंड फेज में होने वाला यह निर्माण कार्य वर्तमान में प्रगति पर हैं। इनका निर्माण लगभग पूरा होने वाला है।

केन बेतवा लिंक परियोजना से बुंदेलखंड के 65 लाख लोगों को फायदा 44,605 करोड़ रुपए की लागत वाली केन-बेतवा लिंक परियोजना से मध्य प्रदेश की 44 लाख और उत्तर प्रदेश की 21 लाख जनता को पानी की सुविधा मिलेगी। यूपी और एमपी दोनों राज्यों की 65 लाख जनता को सीधे तौर पर इसका फायदा होगा।

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