*8 लाख श्रमिकों, आऊटसोर्स और अंशकालिक कर्मचारियों की हुई जीत।*
मध्य प्रदेश के 5 लाख श्रमिकों और 3 लाख अंशकालीन कर्मचारियों के लिए अच्छी खबर है। न्यूनतम वेतनवृद्धि के खिलाफ पीथमपुर औद्योगिक संगठन ने हाईकोर्ट की इंदौर खंडपीठ में याचिका लगाई थी, उस न्यूनतम वेतन वृद्धि पर लगा स्टे मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की इंदौर खंडपीठ ने मंगलवार को हटा दिया है। अब श्रमिकों को वेतन में प्रतिमाह 1625 से 2434 रुपए बढ़कर मिलेंगे। जिस पर हाईकोर्ट ने स्टे दे दिया था। मंगलवार को इंदौर हाई कोर्ट की खण्ड पीठ के न्यायाधीश विवेक रुसिया और न्यायाधीश गजेंद्र सिंह की बैंच ने मामले की सुनवाई करते हुए स्टे हटा दिया। हाईकोर्ट ने वेतनवृद्धि की प्रक्रिया को सही माना है।
माननीय उच्च न्यायालय के इस न्यूनतम वेतन से स्टे हटाने के बाद अब 8 लाख श्रमिकों के वेतन में होगी 1625 से 2434 रुपए की वृद्धि हो जायेगी। मध्य प्रदेश के 5 लाख श्रमिकों और 3 लाख अंशकालीन कर्मचारियों को अब श्रमिकों को वेतन में प्रतिमाह 1625 से 2434 रुपए बढ़कर मिलेंगे। न्यूनतम वेतनवृद्धि के खिलाफ पीथमपुर औद्योगिक संगठन ने हाईकोर्ट की इंदौर खंडपीठ में याचिका दायर की थी, जिस पर हाईकोर्ट ने स्टे दिया था। मंगलवार को हाईकोर्ट ने वेतनवृद्धि की इस प्रक्रिया को सही माना है।
किस कर्मचारी वर्ग को कितना होगा लाभ
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि:-
कमलनाथ सरकार में गठित वेतन पुनरीक्षण समिति ने साल 2019 में श्रमिकों के न्यूनतम वेतन में 25% की वृद्धि की सिफारिश की थी। इसे अप्रैल 2019 से लागू किया जाना था, पर सरकार ने अप्रैल 2024 से लागू किया। श्रमिकों को मई 2024 में बढ़ा हुआ वेतन भी दिया गया। तभी पीथमपुर औद्योगिक संगठन वेतनवृद्धि के खिलाफ हाईकोर्ट चला गया, जिस पर कोर्ट ने स्टे दे दिया। कंपनियों ने मई में दिए गए बढ़े हुए वेतन की वसूली भी कर ली। मामले में सेंटर ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियन इंदौर हाईकोर्ट में इंटरवीन बनी।
सेंटर ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियन के अधिवक्ता बाबूलाल नागर ने हाईकोर्ट में मजदूरों का पक्ष रखा। वहीं इस यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष रामविलास गोस्वामी, प्रदेश महासचिव प्रमोद प्रधान और ऑल डिपार्टमेंट आउटसोर्स-अस्थाई कर्मचारी मोर्चा मप्र के अध्यक्ष वासुदेव शर्मा ने आंदोलन का ऐलान किया। पूरे प्रदेश में धरना-प्रदर्शन हुए। श्रमायुक्त कार्यालय का भी घेराव किया गया। वहीं हाईकोर्ट से मामले की सुनवाई जल्द करने का अनुरोध किया गया। बता दें कि यह वेतनवृद्धि साल 2014 के बाद की गई थी। वहीं 2024 में फिर से वेतनवृद्धि की जानी है।
अब 8 माह का एरियर भी दिलाए सरकार:-
गोस्वामी और प्रधान ने मध्य प्रदेश सरकार और मध्य प्रदेश के श्रम आयुक्त से मांग करते हुए कहा कि यह स्थगन 1 अप्रैल 2024 से हो रहे भुगतान के खिलाफ था, जो खारिज हो गया है। अब 1 अप्रैल 2024 से ही श्रमिकों को वेतनवृद्धि का लाभ दिलाएं और 8 माह का एरियर भी दिलाएं।
वहीं अब माननीय उच्च न्यायालय के इस फैसले के बाद भेल सीटू के अध्यक्ष लोकेंद्र शेखावत एवं सीटू के अन्य नेताओं ने खुशी जाहिर करते हुए इसे मजदूर की ऐतिहासिक जीत बताया है। उनका कहना है कि विभिन्न कारखानों में काम करने वाले मजदूर और शासकीय क्षेत्र में काम करने वाले आउटसोर्स कर्मचारियों को हर महीने वेतन वृद्धि का लाभ मिलेगा। मजदूर और कर्मचारी एकता बनाए रखें।