सरपंच पति की शिकायत लेकर पहुंचे जनपद तो अध्यक्ष के स्थान पर पति प्रतिनिधि कुर्सी पर मिले आसीन

आसमान से गिरे और खजूर पर अटके।

सरपंच पति की शिकायत लेकर पहुंचे जनपद तो अध्यक्ष के स्थान पर पति प्रतिनिधि कुर्सी पर मिले आसीन

जनपद पंचायत रहली
संवाददाता रामस्वरूप सेन रहली

रहली Rnews24 : सरकार महिलाओं को प्रतिनिधित्व प्रदान करने का कितना भी प्रयास कर ले लेकिन आज भी प्रत्येक स्तर पर खासतौर से ग्राम पंचायत जनपद पंचायत इन सभी जगह में महिला सरपंच महिला जनपद अध्यक्ष के स्थान पर उनके पति स्वतः ही प्रतिनिधि बनकर पंचायत और जनपद को जबरन चलते देखे जा रहे हैं और सरकार के आदेशों की खुलेआम धज्जियां उड़ा रहे हैं और ऐसा घर बैठे नहीं बल्कि उन सभी सरकारी कार्यालय के उच्च अधिकारियों के नाक के नीचे करते देखे जाते हैं।

ग्राम पंचायत हरदुआ 

मामला रहली जनपद पंचायत और उसकी ही ग्राम पंचायत हरदुआ से है जिसमे महिला सरपंच की जगह पर उनके पति गौरीशंकर कुर्मी एवं भतीजे ग्राम पंचायत का संचालन कर रहे हैं, जिसमें ग्राम पंचायत में होने वाली ग्राम सभा या अन्य कार्यक्रमों में हमेशा सरपंच पति व उनके भतीजे उपस्थित रहते हैं इस वजह से हम पंच एवं ग्रामवासी ग्राम सभा में उपस्थित नहीं हो पाते हैं और सरपंच पति व भतीजे की मनमानी के चलते ग्राम के विकास कार्यों की देखरेख नहीं कर पाते हैं।

ग्राम पंचायत की उप सरपंच ने बताया की ग्राम पंचायत में बैठक का आयोजन कभी नही किया गया ग्राम पंचायत में पंचायती राज अधिनियम 1993 एवं संसोधित 2001 में स्पष्ट उल्लेख है। कि ग्राम सभा में एक तिहाई ग्राम वासियो की उपस्थिति पर ग्राम विकास के कार्य एवं अन्य प्रस्ताव पारित किये एवं शासन द्वारा मान्य किये जावेगे। 

जबकि सरपंच पति द्वारा पाच छः लोगो की उस्थिति में मनमाने तरीके से औचित्त विहीन विकास कार्य स्वीकृत कर लिए गये है। जो निर्माण में गुणवत्ता विहीन एवं अनुपयोगी है। गुणवत्ता विहीन सामाग्री का उपयोग कर लाखो रूपये की राशि निकाल ली गई ।

सरपंच पति एवं भतीजे मनरेगा के आईडी पासवर्ड बिना पंचायत कर्मचारियों की जानकारी के चलाते है। एवं विना कार्य के परिवार के सदस्यो के नाम पर मजदूरी की राशि का आहरण किया जा रहा है और अन्य कार्यों में लाखो रूपये की राशि निकाल ली गई जो जांच का विषय है। आचार सहिता के दोरान वन विभाग की जमीन पर पूर्व से  निर्मित तालाब  पर ही तालाव निर्माण मशीन से किया गया।जिसे ग्रामीणो द्वारा वन विभाग का निर्माण कार्य बताया गया।



15 जून से मनरेगा के कार्यो में खुदाई का कार्य वंद होने के बाद भी मजदूरी की राशि आज दिनांक तक निकाली जा रही है। मनरेगा के निर्माण में कोई भी मजदूर तालाब में कभी नही लगाये गये। जबकि मनरेगा के कार्यो की मानीटरिग जनपद एवं जिले द्वारा की जाती है। मनरेगा मजदूर मोबाईल मॉनिटरिंग एप के माध्यम से प्रतिदिन होती है। जो सरपंच भतीजे अपने मोबाईल में चलाते है। जो गलत तरीके से फोटो डाल कर मजदूरी निकाल रहे है। हर स्तर की मॉनिटरिंग  के बाद भी कई लाख रूपये की राशि केवल एक तालाब कार्य में निकाल ली गई।





📌राशि कैसे निकाली गई और इस गवन में कौन कौन हो सकते हैं शामिल।


क्या जनपद से लेकर जिले तक सभी स्तर के कर्मचारियो की मिली भगत शामिल है? बिना मूल्यांकन मनरेगा के भुगतान जारी किये गये । क्या मनरेगा लेखा अधिकारी सीधे राशि लेकर सरपंच पति एवं भतीजे के साथ गवन में लिप्त है?

इन सभी प्रकार के मदो में हुए निर्माण कार्य की गुणवत्ता की संम्पूण जांचकर राशि बसूली की जाय, साथ ही पंचायत भवन के सभी पेपर ब्लाक की जांच जो स्टीमेट से कम बना हुआ है, अमृत सरोवर तालाब जिसका वन विभाग के तालाव के ऊपर निमार्ण हुआ है जांच, परिवार को फायदा देने के लिए सीसी रोड का निर्माण किया गया इन सभी निर्माण कार्य में हुई वित्तीय अनियमित्ता की जांच की कर कार्यवाही की जाए।


📌कौन कौन सी बड़ी अनियमित्ता है जनपद पंचायत रहली और उसकी कई पंचायतों में।


म.प्र. पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग भोपाल का आदेश दिनांक 28/04/2024 को समस्त कलेक्टर म.प्र. मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत /जनपंद पंचायत म.प्र.के नाम जारी किया गया था जिसमे

त्रि-स्तरीय पंचायत राज व्यवस्था को सशक्त बनाने और पंचायत में महिलाओं के अधिक प्रतिनिधित्व के उद्देश्य से जिला पंचायत और ग्राम पंचायत में महिलाओं के लिए 50% आरक्षण किया गया है। 

त्रि-स्तरीय पंचायत में निर्वाचित महिला प्रतिनिधियो के सशक्तिकरण और ग्राम पंचायत विकास में उनकी भूमिका को मजबूत बनाने के उद्देश्य से यह आवश्यक है कि ग्राम सभाओं की बैठक में महिला सरपंच /पंचों की रसिक भागीदारी हो।लेकिन उनके पति प्रतिनिधि शासन के महिलाशसक्तिकरण के उद्देश और शासन के आदेश को बड़ी ही निडरता से ताक पर रख कर सरकारी आदेश को धज्जियां उड़ा रहे हैं।

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