पी जी महाविद्यालय में नहीं रुक रही कर्मचारियों की मनमानी,सुधार को नहीं उठाया जा रहा कोई ठोस कदम।
रहली - विगत कई माह से शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय रहली लगातार सुर्खियों में है। इसका मुख्य कारण है महाविद्यालय में पदस्थ कर्मचारियों की लापरवाही और मनमानी इससे न केवल शासकीय योजनाएं बाधित होती हैं। बल्कि उनके क्रियान्वयन पर भी खासा असर पड़ता है। लापरवाही की हदें पार कर मुख्य भूमिका निभाने वाले कंप्यूटर ऑपरेटर्स अपने कार्यों में न केवल लापरवाही दिखा रहे हैं बल्कि छात्र-छात्राओं को भी इनके तीखे तेवर भरे रवैये का सामना करना पड़ रहा है।
नाम ना छापने की शर्त पर लगभग आधा दर्जन छात्र-छात्राओं ने बताया कि जब कभी भी छात्र छात्राओं द्वारा परीक्षा संबंधी जानकारी मांगी जाती है तो ऑपरेटर्स द्वारा चिल्लाकर भगा दिया जाता है। जिसका ताजा उदाहरण परीक्षा फार्म भरने में चूक का भी मालूम पड़ता है।
इसके पूर्व भी इनके द्वारा शासन से प्राप्त पत्र की समय पर जानकारी न देने से कई कर्मचारी और आधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी हुए थे।इन सब बातों के बावजूद भी आज दिनांक तक इन पर कोई कार्यवाही नहीं की गई। बल्कि यह और सशक्त होते जा रहे हैं।कही इनको कोई राजनैतिक संरक्षण प्राप्त तो नहीं है जिससे इनके हौसले इतने बुलंद है।हाल फिलहाल में प्राचार्य के सेवानिवृत होने के बाद से इन पर अब किसी भी अधिकारी का कोई दबाव नहीं है यह मनमानी तरीके से संस्था में उपस्थित होते हैं और मनमाने तरीके से संस्था में काम करते हैं यहां तक की संस्था के अन्य कर्मचारी भी इनसे त्रस्त और ग्रसित हैं।
अब देखना होगा कि नए प्राचार्य द्वारा पदभार ग्रहण करने के बाद इन पर कोई कार्यवाही होगी या किसी प्रकार से इन की कार्यशैली में कोई सुधार होगा?