क्या वक्फ बोर्ड का नया कानून मुस्लिम समुदाय के अधिकारों पर असर डालेगा?

वक्फ (संशोधन) विधेयक 2025: नए प्रावधान, विवाद और मौजूदा स्थिति



नई दिल्ली, 4 अप्रैल 2025 – भारत सरकार ने वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2025 को संसद में पारित कर दिया है। यह विधेयक वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन और प्रशासन में बड़े बदलाव लाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। विधेयक को 3 अप्रैल को लोकसभा और 4 अप्रैल को राज्यसभा में मंजूरी मिली, और अब इसे राष्ट्रपति की स्वीकृति का इंतजार है।


विधेयक के प्रमुख प्रावधान


1. वक्फ अधिनियम का नया नाम


इस संशोधन के तहत, वक्फ अधिनियम, 1995 का नाम बदलकर "यूनाइटेड वक्फ मैनेजमेंट, एम्पावरमेंट, एफिशिएंसी एंड डेवलपमेंट अधिनियम, 1995" (UWMEED Act 1995) किया गया है।


2. गैर-मुस्लिम सदस्यों की नियुक्ति


इस विधेयक में केंद्रीय वक्फ परिषद और राज्य वक्फ बोर्डों में गैर-मुस्लिम सदस्यों को शामिल करने का प्रावधान है। सरकार का कहना है कि इससे पारदर्शिता और कुशल प्रबंधन को बढ़ावा मिलेगा।


3. महिला प्रतिनिधित्व में वृद्धि


संशोधित अधिनियम में राज्य और केंद्रीय वक्फ बोर्डों में कम से कम दो मुस्लिम महिलाओं को अनिवार्य रूप से शामिल करने की बात कही गई है, जिससे लैंगिक समानता को बढ़ावा मिलेगा।


4. केंद्र सरकार की विस्तारित शक्तियाँ


अब केंद्र सरकार को वक्फ संपत्तियों के पंजीकरण, ऑडिटिंग और वित्तीय प्रबंधन से जुड़े नियम बनाने का अधिकार दिया गया है। इसका उद्देश्य वक्फ संपत्तियों के दुरुपयोग को रोकना और पारदर्शिता सुनिश्चित करना है।


5. अपील प्रक्रिया में सुधार


वक्फ न्यायाधिकरणों द्वारा लिए गए फैसलों के खिलाफ अब 90 दिनों के भीतर उच्च न्यायालय में अपील दायर करने की अनुमति होगी। इससे कानूनी प्रक्रियाओं में सुधार आएगा।



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विधेयक पर विवाद और विरोध


1. विपक्ष और मुस्लिम संगठनों की प्रतिक्रिया


विपक्षी दलों और मुस्लिम संगठनों ने इस विधेयक का कड़ा विरोध किया है। उनका आरोप है कि यह कानून वक्फ संपत्तियों पर सरकारी नियंत्रण बढ़ाने का प्रयास है। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने घोषणा की है कि वे इस विधेयक को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देंगे।


2. सरकार का बचाव


सरकार ने इस विधेयक को वक्फ संपत्तियों के सुचारू प्रबंधन और पारदर्शिता बढ़ाने की दिशा में उठाया गया कदम बताया है। गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि यह विधेयक किसी समुदाय के अधिकारों का उल्लंघन नहीं करता, बल्कि वक्फ संपत्तियों को अतिक्रमण और भ्रष्टाचार से बचाने में मदद करेगा।



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भारत में वक्फ संपत्तियों की स्थिति


भारत में 6 लाख से अधिक वक्फ संपत्तियां हैं, जिनमें करीब 6 लाख एकड़ भूमि शामिल है। इनमें से कई संपत्तियां अतिक्रमण, भ्रष्टाचार और कानूनी विवादों में फंसी हुई हैं। नया विधेयक इन संपत्तियों की पारदर्शी देखरेख और न्यायसंगत वितरण सुनिश्चित करने का दावा करता है।



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विधेयक की वर्तमान स्थिति


विधेयक को संसद में मंजूरी मिल चुकी है और अब यह राष्ट्रपति की स्वीकृति का इंतजार कर रहा है। यदि इसे मंजूरी मिलती है, तो यह कानून बनकर देशभर में लागू हो जाएगा। हालांकि, इस बीच कई विपक्षी दल और मुस्लिम संगठन कानूनी लड़ाई की तैयारी कर रहे हैं, जिससे इस विधेयक का भविष्य अनिश्चित बना हुआ है।



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निष्कर्ष


वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2025 भारतीय राजनीति और मुस्लिम समुदाय के बीच एक गंभीर बहस का विषय बन गया है। कुछ लोग इसे पारदर्शिता बढ़ाने वाला कानून मानते हैं, तो कुछ इसे धार्मिक अधिकारों का उल्लंघन करार दे रहे हैं। आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि यह विधेयक कानूनी और राजनीतिक स्तर पर क्या मोड़ लेता 

है।


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