।। जानें कलावा अथवा रक्षा सूत्र बांधने के वैज्ञानिक एवं वैदिक फायदे ।।
Rnews24: सनातन संस्कृति में किए जाने वाले कर्मकांड के पीछे एक विशेष महानता छिपी है, जो तार्किक और विज्ञान आधारित है। फिर चाहे तिलक लगाना हो, बड़ो के पैर छूना हो, तुलसी के पौधे को जल चढ़ाना हो या फिर यज्ञ-हवन करना हो। इन सबके पीछे वैज्ञानिक कारण छिपा है। इनमें एक विशेष वैदिक परंपरा है - हाथ में कलावा अथवा मौली बांधना। पूजा के दौरान हाथों में लाल या पीले रंग का कलावा बांधने का चलन है। इसके अलावा कोई भी नया सामान खरीदने का शुभ कार्य शुरू करते समय हम उसे अपनी कलाई में बांध लेते हैं।
शास्त्रों के मुताबिक मौली का महत्व कच्चे सूत से बना है। मौली लाल रंग की होती है, पीले रंग की या फिर दो रंगों की या पांच रंगों की। शास्त्रों के अनुसार कलावा बांधने की परंपरा की शुरुआत अति प्राचीन है जब देवी लक्ष्मी और राजा बलि ने की थी। कलावा को रक्षा सूत्र भी कहा जाता है, माना जाता है कि इसे कलाई पर बांधने से जीवन के संकट से बचाव होता है। इसका कारण यह है कि कलावा बांधने से ब्रह्मा, विष्णु और महेश त्रिदेव की कृपा प्राप्त होती है। धार्मिक महत्व के अलावा वैज्ञानिक दृष्टि से भी कलावा बांधना बहुत फायदेमंद होता है।
इसे बांधने का वैज्ञानिक कारण भी सेहत के लिए काफी फायदेमंद होता है। शरीर क्रिया विज्ञान के अनुसार मानव शरीर के कई प्रमुख अंगों तक पहुंचने वाली लगभग सारी नसें हमारी कलाई से होकर गुजरती हैं। कलाई पर कलावा बांधने से इन नसों के कार्य को नियंत्रित होती है। इससे त्रिदोष यानी वात, पित्त और कफ का सामंजस्य बना रहता है। शरीर की संरचना का प्रमुख नियंत्रण कलाई में होता है। इसका मतलब है कि कलाई पर मौली बांधने से व्यक्ति स्वस्थ रहता है। माना जाता है कि कलावा बांधने से रक्तचाप, हृदय रोग, मधुमेह और पक्षाघात जैसी गंभीर बीमारियों से काफी हद तक बचाव होता है।
ज्योतिष के अनुसार कलावा ज्योतिष के अनुसार कलाई पर लाल रंग का कलावा धारण करने से कुंडली में मंगल मजबूत होता है। दरअसल, ज्योतिष शास्त्र में मंगल का शुभ रंग लाल है। इसके अलावा यदि जातक पीले रंग का कलावा बांधता है तो इससे उनकी कुंडली में गुरु बृहस्पति मजबूत होता है, जिससे व्यक्ति के जीवन में सुख-समृद्धि आती है। कुछ लोग कलाई में काला धागा भी बांधते हैं जो शनि ग्रह के लिए शुभ होता है।
कलावा पहनने के फायदे:-
● कलावा अथवा मौली धारण करने के दोनों पहलु है धार्मिक एवं वैज्ञानिक दोनों अति फायदेमंद व महत्वपूर्ण है। वहीं धार्मिक अवसरों पर इसे पहनने की परंपरा प्राचीन काल से चली आ रही है।
● शुभ कार्यों में मौली या रक्षा सूत्र धारण करने से भगवान की विशेष कृपा मिलती है। ये रक्षा सूत्र नकारात्मक ऊर्जा को दूर भगाता है साथ ही आपके शत्रु को परास्त करता है।
● कच्चे धागे से बना यह रक्षा सूत्र लाल के अलावा पीले या हरे रंग में भी आता है , लेकिन इसे लाल रंग में पहनना अन्य रंगों की तुलना में अधिक शुभ माना जाता है।
रक्षा सूत्र धारण करते समय के कुछ ध्यान रखने योग्य बातें:
आइये जाने कलावा बांधते समय कुछ बातों का ध्यान रखना बेहद जरूरी है
● पुरुषों और अविवाहित लड़कियों दोनों ही रक्षा सूत्र धारण कर सकते है दोनों को अपने दाहिने हाथ पर मौली बांधना चाहिए।
● विवाहित महिलाओं को अपने दाहिने हाथ में कलावा पहनना चाहिए।
● वाहन, बही-खाता, तिजोरी की चाभी आदि पर कलावा बांधने से अत्यंत शुभ फल प्राप्त हो सकते हैं।
● अपने घर की साज-सज्जा के टुकड़ों पर कलावा बांधने से नकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है वही अच्छी ऊर्जा प्राप्त होती है। साथ ही इससे घर में सुख-शांति की स्थापना होती है।