*क्या है ज्वाइनिंग की हकीकत?*
*उच्च न्यायालय का 28 जुलाई को मिला स्टेऑर्डर, अतिथि विद्वानों की 30 जुलाई में हो गई थी ज्वाइनिंग।*
रहली- सार्थक एप पर उपस्थिति दर्ज करने में अनियमितता बरतने के मामले में दोषी करार कर उच्च शिक्षा विभाग द्वारा पीजी कॉलेज रहली के अतिथि विद्वानों के आमंत्रण निरस्त किए गए थे जिस पर माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर ने तीन अतिथि विद्वानों के निरस्तीकरण आदेश पर स्टे ऑर्डर दे दिया है, इसके बावजूद भी अतिथि विद्वानों को ज्वाइनिंग नहीं दी जा रही थी।
जानकारी के अनुसार उच्च न्यायालय जबलपुर के आदेश अनुसार 30 जुलाई को पूर्वाह्न 11 बजे महाविद्यालय में ज्वाइनिंग के लिए डॉ. मनोज जैन, डॉ. राजू सेन, शीतल मिश्रा उपस्थित हुए थे और कोर्ट की कॉपी और ज्वाइनिंग करवाने आवेदन पत्र तत्कालीन प्रभारी प्राचार्य डॉ. प्रवीण श्रीवास्तव को दिया। प्रभारी प्राचार्य द्वारा पावती भी दी। इसमें प्राचार्य ने लिखा कि आयुक्त उच्च शिक्षा विभाग मध्य प्रदेश शासन को मार्गदर्शन के लिए पत्र भेजा है। 1 अगस्त को प्रभारी प्राचार्य डॉ. रुचि राठौर द्वारा मौखिक रूप से ज्वाइनिंग के लिए एक आवेदन पुनः देने को कहा। तीनों अतिथि विद्वानों ने पुनः ज्वाइनिंग का पत्र दिया, लेकिन फिर भी ज्वाइनिंग का आदेश नहीं दिया। 2 अगस्त को तीनों अतिथि विद्वानों ने इस बात का आवेदन दिया कि पोर्टल पर नाम दर्ज कर उसे अपडेट करने का कष्ट करें, लेकिन इस पर भी कोई कार्रवाई नहीं की। 4 अगस्त को सार्थक एप पर उपस्थिति दर्ज करने एक आवेदन तीनों अतिथि विद्वानों द्वारा प्रस्तुत किया लेकिन उस पर भी कार्रवाई नहीं की।
अतिथि विद्वानों ने प्राचार्य सहित नियमित स्टाफ पर आरोप लगाते हुए बताया था कि विगत दिनों से लगातार कॉलेज प्रशासन द्वारा अतिथि विद्वानों की ज्वाइनिंग प्रक्रिया को टाला जा रहा था। कहीं न कहीं ऐसा प्रतीत हो रहा था कि कॉलेज प्राचार्य सहित जिम्मेवार परमानेंट स्टाफ द्वेष भाव से काम कर रहा है। कोर्ट के आदेश के बावजूद भी ज्वाइनिंग नहीं दी जा रही , जैसे कहीं ये मानसिक रूप से प्रताड़ित करने की कोशिश हो, अतिथि विद्वानों ने एक बार फिर प्राचार्य को आवेदन दिया, जिसमें कहा कि कोर्ट के आदेश के बावजूद भी आपके द्वारा ज्वाइनिंग क्यों नहीं करवाई। आपकी क्या मंशा है। स्पष्ट रूप से पत्र द्वारा अवगत करवाएं, अन्यथा कोर्ट की अवहेलना का केस करने पुनः उच्च न्यायालय की शरण ली जाएगी। पत्र की प्रतिलिपि उच्च अधिकारियों तक भी पहुंचाई जाएगी।
जब इस पर हमने महाविद्यालय के प्रभारी प्राचार्य डॉ प्रवीण श्रीवास्तव से बात की तो उन्होंने बताया कि उक्त अतिथि विद्वानों की जॉइनिंग 30 जुलाई को ही महाविद्यालय स्तर पर करा दी गई थी वह लगातार महाविद्यालय में उपस्थित हो रहे हैं अटेंडेंस रजिस्टर पर उनकी उपस्थिति दर्ज की जा रही है साथ ही उनकी जानकारी विभाग को एवं उच्च अधिकारियों को भेज दी गई है सार्थक ऐप और पोर्टल पर नाम दर्ज होने जैसी कार्रवाई विभाग के द्वारा उच्च अधिकारियों के मार्गदर्शन में ही कराई जाएगी।