"खाद के लिए किसान बेहाल, चक्का जाम से सड़कें जाम — जिम्मेदार कौन?"
सागर, मध्य प्रदेश से बड़ी खबर —
खरीफ की फसल का सीजन चल रहा है, किसान खेत में दिन रात पसीना बहा रहा है.. लेकिन ज़रूरी रासायनिक खाद न मिलने से हालात इतने बिगड़े कि सोमवार को सड़कों पर किसानों का सब्र जवाब दे गया। सागर ज़िले के रहली, गढ़ाकोटा और शाहपुर क्षेत्र में किसान विरोध प्रदर्शन पर उतर आए और चक्का जाम कर दिया।
एक तरफ हाथ में रुपया... दूसरी तरफ ज़मीन के कागज़, लेकिन फिर भी खाली हाथ लौटते किसान!
Rnews24 की टीम जब मौके पर पहुंची, तो किसानों की आंखों में आक्रोश साफ़ नजर आ रहा था।
"सुबह से लाइन में लगे हैं साहब! पैसा भी है, कागज़ भी हैं… फिर भी खाद नहीं मिल रही," — कहते हैं किसान नेता रामशंकर पटेल, जिनकी आवाज़ आज हजारों किसानों की पीड़ा बन गई।
मक्का की उम्मीद, खाद की मार
बीते दो सालों से मक्का की फसल किसानों के लिए उम्मीद की किरण बनी है। लेकिन इस बार खाद की भारी किल्लत ने उन उम्मीदों पर पानी फेर दिया है। प्रशासन की ओर से खाद की सप्लाई सहकारी समितियों, लाइसेंसधारी दुकानों और 'डबल लॉक' व्यवस्था से की जा रही है, लेकिन डिमांड के मुकाबले सप्लाई बेहद कम है।
जैसे ही रहली और गढ़ाकोटा के डबल लॉक केंद्रों पर खाद आने की खबर लगी — किसानों का हुजूम उमड़ पड़ा। लेकिन जब पर्याप्त खाद नहीं मिली, तो आक्रोश सड़क पर आ गया।
जब सड़क बनी रणभूमि
रहली क्षेत्र में सोमवार को किसान सड़क पर बैठ गए। चक्का जाम हो गया, ट्रैफिक रुका, आम जनता परेशान हुई। हालात को संभालने मौके पर पहुंचे तहसीलदार राजेश पांडे और अन्य प्रशासनिक अधिकारी। किसानों को समझाइश दी गई और करीब एक घंटे बाद जाम खत्म कराया गया।
लेकिन इस दौरान कुछ किसानों की ओर से उग्र नारेबाज़ी और प्रशासनिक अधिकारियों से तीखी बहस भी देखने को मिली। पुलिस ने मामला संभालते हुए मौके को शांत किया।
प्रशासन बनाम किसान
प्रशासन का कहना है कि खाद की उपलब्धता के हिसाब से वितरण किया जा रहा है और जल्द ही और सप्लाई भेजी जाएगी। लेकिन किसानों का कहना है कि "हर साल यही हाल होता है, वादे होते हैं, पर खाद समय पर नहीं मिलती।"
किसान नेता रामशंकर पटेल ने प्रशासन पर सीधे सवाल उठाते हुए कहा —
"क्या एक किसान को अपने हक़ के लिए यूं सड़क पर बैठना ज़रूरी है? खाद जैसी बुनियादी ज़रूरत के लिए अपमान झेलना पड़े तो फिर कैसा किसानों का सम्मान?"
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आपके क्षेत्र में भी अगर खाद को लेकर कोई समस्या है, तो हमें बताएं — हम आपकी आवाज़ प्रशासन तक पहुंचाएंगे।