चार महीने से भटक रहे पंच, प्रशासन के चक्कर लगाने को मजबूर।

 साबल खिरिया पंचायत में भ्रष्टाचार की जांच अधूरी, पंचों को नहीं मिला न्याय।

चार महीने से भटक रहे पंच, प्रशासन के चक्कर लगाने को मजबूर।

रहली, जिला सागर

         रहली तहसील की साबल खिरिया ग्राम पंचायत के पंच लगातार प्रशासनिक अधिकारियों से न्याय की मांग कर रहे हैं, लेकिन सही जांच न होने के कारण उनका शासन-प्रशासन से भरोसा उठता जा रहा है।

         पंच मुन्ना लाल अहिरवार ने बताया कि उन्होंने ग्राम पंचायत सचिव भरत कुर्मी और सरपंच अशोक कुर्मी के खिलाफ भ्रष्टाचार की शिकायत एसडीएम से की थी, जिसके आधार पर जनपद स्तरीय जांच दल बनाया गया था। लेकिन इस जांच दल ने गलत और अधूरी जांच कर ली, जिससे भ्रष्टाचार उजागर नहीं हो सका।

मुख्य आरोप और अनियमितताएँ

1️⃣ पंचों की मासिक बैठक में गड़बड़ी

पंचायत में 12 पंच हैं, लेकिन बैठक में केवल 6 पंचों के हस्ताक्षर लिए गए।

कोरम पूरा करने के लिए 6 से अधिक पंचों की जरूरत होती है, लेकिन इसे नजरअंदाज किया 

गया।पंचों के हस्ताक्षर एक ही क्रम में और एक ही स्थान पर हैं, जिससे यह स्पष्ट होता है कि रजिस्टर एक ही दिन में तैयार किया गया।

जांच दल ने इन अनियमितताओं को नजरअंदाज कर गलत रिपोर्ट बना दी।


2️⃣ प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY) में धांधली

पात्रता न होने के बावजूद कुछ हितग्राहियों को आवास स्वीकृत कर राशि दी गई।

राजेंद्र पिता अजुध्धि राय और मुन्ना पिता अजुध्धि राय जैसे हितग्राहियों के पास 9 एकड़ से अधिक सिंचित भूमि और पक्के मकान हैं, फिर भी उन्हें योजना का लाभ दिया गया।

पंचायत में कई ऐसे अपात्र लाभार्थी हैं, जिनकी जांच आवश्यक है।

3️⃣ मनरेगा (MGNREGA) में भ्रष्टाचार

महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी योजना (MGNREGA) में भी धांधली की गई।

जांच दल ने केवल खानापूर्ति करके मामले को दबाने का प्रयास किया।

शिकायत और प्रशासन की अनदेखी

04 मार्च 2025 को पंचों ने सागर कलेक्टर को जनसुनवाई में आवेदन (क्रमांक A-50) दिया, लेकिन कोई प्रभावी कार्रवाई नहीं हुई।

जिला पंचायत सीईओ को भी शिकायत दी गई, लेकिन कोई जांच शुरू नहीं की गई।

पंचों की मांग: निष्पक्ष जिला स्तरीय जांच हो

शिकायत में पंचों ने सागर कलेक्टर से अनुरोध किया है कि:

✅ रहली जांच दल की गलत रिपोर्ट को खारिज किया जाए।

✅ नए जिला स्तरीय जांच दल का गठन किया जाए।

✅ PM आवास योजना और MGNREGA की विस्तृत जांच हो।

निष्कर्ष

पंचों का कहना है कि जब तक निष्पक्ष जांच और दोषियों पर कार्रवाई नहीं होती, तब तक वे न्याय के लिए संघर्ष जारी रखेंगे। प्रशासन की निष्क्रियता से ग्रामीणों में भारी आक्रोश है। क्या सागर प्रशासन इस भ्रष्टाचार पर सख्त कदम उठाएगा, या फिर यह मामला भी 

अनदेखा रह जाएगा?


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