दशकों से बसे ग्राम पटना मोहली के विस्थापन से भावुक हुए पूर्व मंत्री गोपाल भार्गव।

 *बाघों को बसाने गांव में मनी आखिरी दिवाली, विस्थापितों के दर्द से भावुक गोपाल भार्गव ने कहा- "'चल उड़ जा रे पंछी की अब ये देश हुआ बेगाना'"*

गोवर्धन पूजा और दीपावली मिलन समारोह 

रहली - वर्ष 2023 में मध्य प्रदेश का सबसे बड़ा नौरादेही अभ्यारण जब से सबसे बड़े टाइगर रिजर्व के रूप में विकसित हुआ है तब से लगातार रिजर्व एरिया के अंतर्गत बसे सभी गांव विस्थापित किए जा रहे हैं विस्थापन के इसी क्रम में रहली विधानसभा क्षेत्र के और भी छोटे छोटे ग्राम विस्थापित हो चुके हैं, पटना मोहली ग्राम भी, दो से तीन माह में विस्थापित होने वाला है।

ग्रामीणों को संबोधित करते पूर्व मंत्री गोपाल भार्गव 

     लगभग 3000 लोगों की आबादी को आश्रय देने वाले ग्राम में विस्थापन के ठीक पूर्व ग्राम में गोवर्धन पूजा और दीपावली मिलन समारोह आयोजित हुआ जिसमें स्थानीय विधायक और पूर्व मंत्री गोपाल भार्गव पटना मोहली पहुंचकर गोवर्धन पूजा एवं दीपावली मिलन समारोह में शामिल हुए। लोगों के अपने 40 साल के रिश्ते का स्मरण किया और कहा कि मैंने इस गांव के विकास में कोई कसर नहीं छोड़ी है।

पूजन करते पूर्व मंत्री गोपाल भार्गव 

       गोपाल भार्गव ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि,जिस धरती पर जन्म लिया हो, जिस गांव की गलियों में बचपन बीता हो और जहां के खेतों में खून पसीना बहाकर जीवन यापन किया हो. अगर उस जगह को मजबूरी में छोड़ना पड़े, तो इससे बड़ा पलायन का दर्द कोई दूसरा हो नहीं सकता है।ऐसे ही दर्द से वीरांगना रानी दुर्गावती टाइगर रिजर्व के अंदर बसे गांव गुजर रहे हैं।


   ''बहुत समय पहले जब मैं पहला चुनाव जीता था, तब मैंने देखा था कि ग्राम के लोग कैसे मुफलिसी में जीवन व्यतीत कर रहे थे. तब भी मैंने कोशिश की थी और आगे भी कोशिश की कि यहां पर विकास कार्य किया जा सके।परंतु वन विभाग की नियमों के कारण यहां पर सड़के नहीं बनाई जा सकी।अब इस ग्राम को विस्थापित किया जा रहा है और मैं यकीन दिलाता हूं कि इस गांव के एक-एक घर के लोगों को ऐसी कॉलोनी का निर्माण करके दूंगा. जैसी कॉलोनी बड़े-बड़े शहरों में देखी जाती है।उन्होंने कहा कि जहां मेरे अपने लोगों की जन्मभूमि और मातृ भूमि है वह मेरी भी जन्म भी है और मातृभूमि से जुड़े लोगों को संवारने के लिए मै हमेशा प्रतिबद्ध रहा हूं।


      आयोजन में गोपाल भार्गव ने गांव के लोगों से अपने 40 साल पुराने रिश्ते की यादों को साझा किया।वहीं विस्थापन के चलते ग्रामवासियों के साथ गोवर्धन की कार्यक्रम में भावुक होते हुए बोले कि मातृभूमि से अलग होना जीवन का सबसे बड़ा दुख है। इस विरह व्यथा से भावुक होते हुए "चल उड़ जा रे पंछी" गीत की पंक्तियां गुनगुना कर अपनी भावनाएं व्यक्त कीं।


     कार्यक्रम में शामिल वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी DFO से कहा कि विभाग में जितने बड़े छोटे पदों पर भर्ती संभव हो उन सब पर इन लोगों के परिवार वालों को पहले मौका दिया जाए।साथ ही कार्यक्रम मौजूद SDM गोविन्द दुबे,और तहसीलदार राजेश पाण्डेय को निर्देश देते हुए कहा कि विस्थापन प्रक्रिया में कोई भी पात्र व्यक्ति अकारण छूट न पाए।

      इस गोवर्धन पूजा और दीपावली मिलन समारोह में जन प्रतिनिधियों में रहली नपा अध्यक्ष देवराज सोनी, वरिष्ठ भाजपा नेता राजेन्द्र जारोलिया, पूर्व जनपद अध्यक्ष संजय दुबे पूर्व जनपद उपाध्यक्ष भरत सेमरा भाजपा नेता पवन नायक ,डॉ मनोज जैन, गोल्डी सिंह उदयपुरा,राजेश सिंह परासई,कमलेश तिवारी एवं पुलिस बल से उप निरीक्षक अशोक उपाध्याय मौजूद थे।

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