रहली। 10वीं शताबदी में बने रहली नगर के एतिहासिक किला अब खंडहर हो चुका है जिसे सवारने की तैयारी पुरातत्व विभाग द्वारा कि जा रही है एतिहासिक महत्तव की इस इमारत के सर्वे के लिए बुधवार को पुरात्तव विभाग की टीम रहली पुहुचीं जहां किले का बारिकी से अध्यन किया गया मरम्मत वाले हिस्सो की तस्वीरें विडियों लिए गए।पुरातत्व विभाग के सर्वे अधिकारी करन जैन ने Rnews24 को बताया किया बहुत पहले प्रोजेक्ट रिर्पोट भेजी गई थी,जिस पर कार्य शुरू हो गया है।समय अनुसार सर्वे होते रहेगें बहुत जल्द कार्य शुरू किया जाएगा।गौरतलब हो की 10वीं शताब्दी में रानी दुर्गावती के ससुर संग्रामसिंह ने 52 गढों का निर्माण के दौरान ही इस ऐतिहासिक किले का निर्माण भी करवाया था। यह किला कारीगरों की उच्च निर्माणकलां को दर्शाता है किले के अंदर ही 1 पांच खंड का भवन था जो कि चारों दिशाआंे से प्रकाशवान होता था।विभिन्न बुर्जे जिसमें सुदर बैठके । किले की चारों और की बाहरी दीवालों में छोटे छोटे छिद्र वनायें गये थे जिससे युद्ध के समय शत्रुओं को अंदर से ही तीर कमान की सहायता से पाराजित किया जा सकता था वह आज भी मौजूद है।किले के अंदर सुगंधित मनमोहने वाले पुष्प, एक सुन्दर जलाश्य जिसके मध्य में श्री कृष्ण राधिका का मठ भी था । इस जलाशय के चारों कोने पर बुर्जे थी साथ इसके मध्य एक बुर्ज थी जिसमें कोदों का बीज पाया गया था इस बीज के बारें में कहा जाता है कि अकाल के समय ये बीज खाने के काम आता था ।
इतिहास में कई अनोखी दास्तां है अंग्रेजी समय की
रहली से डेढ किमी दूर कोजी गाव के अहीरो के मवेशी किले के समीपस्थ सुनार नदी में पानी पीने आया करते थे । इन अहीरो के मन को किले की सुदरता भा गई ओर वे इसे पाने की जुर्रुत करने लगें 15 वीं शताब्दी में किले पर इन्होने मौका मिलते हि हमला बोल दिया अंग्रेज परास्त कहो गये ओर इस पर चित्तर राजा का अधिकार हो गया मराठों ने किले पर कब्जा करने का प्रयास किया था पर परास्त होते चले गये । मराठो के शासनकाल करीब 14 वीं शताब्दी में अंग्रेजो ने इसे मराठो से छीन लिया था ओर अहीरो ने अंग्रेजो से कई बार किले पर आक्रमण कराया हर वार मुह कि खानी पडी अंततः इन्होने कूट नीति रची ओर 1857 में गिरधारी नायक को प्रेरित किया गिरधारी नायक ने करीब 2000 आदमी इकटठा कर चित्तर राजा से युद्व किया तथा चित्तर राजा को बंदी बनाकर अंग्रेजो केे हवाले कर दिया अंग्रेजो ने चित्तर राजा को फांसी दे दी ओर गिरधारी नायक को किले कि देख रेख का काम सौंप दिया तथा 1947 तक अंग्रेजो ने ही शासन किया। कहते है कि किले के अंदर आज भी सोना दफन है ओर लोग इसी प्रयास में इस धरोहर को खंडित करने पर तुले है । पुरातत्व विभाग में आने के बाद इस सवारने की तैयारीयां लंबे समय से चल रही है।।