साली से दुष्कर्म करने वाले दो जीजा को उम्रकैद:सागर में ज्यादती से पीड़िता गर्भवती हुई तो गुजरात ले जाकर कराया था प्रसव
Rnews24 : सागर में रिश्तों को तार-तार कर नाबालिग के साथ दुष्कर्म करने वाले आरोपी दो जीजाओं को अदालत ने उम्रकैद की सजा सुनाई है। कोर्ट ने मामले में टिप्पणी करते हुए कहा कि समाज में बलात्संग का अपराध सबसे जघन्य अपराध में से एक है। एक सुरक्षित समाज तब होता है, जब वह बलात्कार मुक्त हो। इन परिस्थितियों में अभियुक्तगण को युक्तियुक्त रूप से कठोर दंड से दंडित करना न्यायोचित है। प्रकरण की सुनवाई तृतीय अपर सत्र न्यायाधीश व विशेष न्यायाधीश (पाक्सो एक्ट 2012) नीलम शुक्ला की कोर्ट में हुई।
अभियोजन के मीडिया प्रभारी ने बताया कि पीड़िता ने 30 दिसंबर 2022 को महिला थाने में शिकायत की थी। शिकायत में बताया कि उसके माता-पिता का करीब 15 साल पहले निधन हो गया था। जिस कारण करीब तीन माह बाद वह व उसकी छोटी बहन उसकी बड़ी बहन के घर जाकर साथ रहने लगी। उसका बड़ा भाई भोपाल में रहने लगा था। इसी दौरान पीड़िता के साथ 12 से 13 वर्ष की उम्र में उसके जीजा के छोटे भाई ने पहली बार गलत काम किया। इसके करीब 5-6 दिन बाद आरोपी जीजा ने भी उसे धमकी देकर उसके साथ जबरन दुष्कर्म किया। जिसके बाद दोनों आरोपियों ने शादी होने के पहले तक लगातार पीड़िता के साथ कई बार दुष्कर्म किया। पीड़िता ने कई बार विरोध किया। लेकिन आरोपी नहीं माने। दुष्कर्म से पीड़िता गर्भवती हो गई थी। गर्भवती होने पर आरोपी पीड़िता को साथ लेकर गुजरात गए। वहीं पर उसका प्रसव कराया। पीड़िता ने बच्ची को जन्म दिया। प्रसव के बाद पीड़िता को राहतगढ़ लेकर आए। जहां घटना के संबंध में किसी को बताने पर जान से मारने की धमकी दी। डर के कारण पीड़िता ने किसी को कुछ नहीं बताया।
शादी होने पर पति को बताई आपबीती तो उजागर हुआ था मामला
मामले में पीड़िता की कुछ समय बाद शादी कर दी गई। शादी के बाद पीड़िता ने हिम्मत जुटाकर अपने पति को आपबीती बताई। जिसके बाद पति के साथ थाने पहुंचकर शिकायत की। शिकायत पर पुलिस ने दुष्कर्म समेत अन्य धाराओं में प्रकरण दर्ज कर जांच में लिया। आरोपियों को गिरफ्तार किया। जांच पूरी होने पर चालान कोर्ट में पेश किया। न्यायालय ने प्रकरण में सुनवाई शुरू की। अभियोजन ने मामले से जुड़े साक्ष्य व दस्तावेज कोर्ट में पेश किए। पीड़िता और अन्य साक्षियों की गवाही कराई। कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुना और साक्ष्यों के आधार पर मामले में फैसला सुनाया। कोर्ट ने आरोपियों को दोषी पाते हुए आजीवन कारावास और जुर्माने की सजा सुनाई है। शासन की ओर से प्रकरण में पैरवी प्रभारी उप संचालक (अभियोजन) धर्मेन्द्र सिंह तारन के मार्गदर्शन में सहायक जिला अभियोजन अधिकारी रिपा जैन ने की।