सीरियल किलर को उम्र कैद की सजा : 3 हत्या व 1 जानलेवा हमले में फैसला आना बाकी

सीरियल किलर को उम्र कैद की सजा : 3 हत्या व 1 जानलेवा हमले में फैसला आना बाकी

Rnews24 सागर : एक के बाद एक 4 चौकीदारों की हत्या कर देश भर में सनसनी फैलाने वाले सीरियल किलर को विशेष कोर्ट ने हत्या के एक मामले में उम्रकैद व अर्थदंड की सजा सुनाई है। जिले के केसली ब्लॉक के केकरा गांव निवासी शिवप्रसाद उर्फ हल्कू धुर्वे (उम्र 21 साल) ने सागर में 3 और भोपाल में 1 चौकीदार की सोते समय सिर फोड़कर हत्या की थी। हत्या के शेष तीन और एक जानलेवा हमले के मामले में अलग-अलग कोर्ट में सुनवाई चल रही है।

इनमें अभी फैसला आना बाकी है। अपर सत्र न्यायाधीश प्रशांत सक्सेना की अदालत ने आर्ट एंड कॉमर्स कॉलेज के चौकीदार शम्भू दयाल दुबे की हत्या के मामले में सीरियल किलर को डीएनए रिपोर्ट, सीडीआर और अन्य साक्ष्य-सबूतों के आधार पर सजा सुनाई। आरोपी हत्या के बाद मृतक का मोबाइल साथ ले गया था। मोबाइल व आरोपी के कपड़े पर लगे मृतक के खून से डीएनए मैच हुआ था। यही रिपोर्ट सजा का मुख्य आधार बनी।


कोर्ट- अबोध बालक और सोता हुआ व्यक्ति एक जैसा, हमले से प्रतिरक्षा का अवसर प्राप्त नहीं होता


मामले की पैरवी करने वाले विशेष लोक अभियोजक सौरभ डिम्हा के अनुसार मकरोनिया के आनंद नगर निवासी राहुल दुबे ने सिविल लाइन थाना में रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि मेरे पिता शंभू दयाल दुबे आर्ट एंड कॉमर्स कॉलेज में चौकीदारी करते हैं। 29 अगस्त 2022 की रात 9:30 बजे मुझे चौकीदार जगदीश रैकवार ने फोन करके बताया कि तुम्हारे पिताजी खत्म हो गए हैं। मां के साथ कॉलेज पहुंचा तो कमरे में उनका शव मिला। सिर से खून निकल रहा था। बाजू में एक बड़ा पत्थर रखा था। पुलिस ने अज्ञात आरोपी के खिलाफ हत्या का केस दर्ज विवेचना में लिया।


विवेचना के दौरान साक्षियों के कथन लिए गए। आरोपी घटना स्थल से मृतक का मोबाइल व साइकिल लेकर भागा था। भोपाल में उसने मोबाइल चालू किया था। जिसकी सीडीआर के आधार पर पुलिस को आरोपी की लोकेशन मिली। भोपाल में आरोपी को पकड़ा गया। जहां उससे पूछताछ कर मोबाइल जब्त किया गया। विवेचना के बाद चालान न्यायालय में पेश किया गया।


अभियोजन द्वारा मामले में 25 अभियोजन साक्षियों को परीक्षित कराया और 66 दस्तावेजों को प्रदर्शित किया। डिम्हा ने बताया कि आरोपी शिवप्रसाद को धारा 302 के तहत आजीवन सश्रम कारावास, 5 हजार रुपए अर्थदंड, धारा- 460 के तहत 10 वर्ष का सश्रम कारावास व 3 हजार रुपए अर्थदंड, धारा- 201 के तहत 3 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 2 हजार रुपए अर्थदंड की सजा से दंडित किया है।


कोर्ट लाइव - आरोपी पर नरम रुख अपनाने की जिरह पर अभियोजन पक्ष ने न्याय दृष्टांत पेश कर मांगा मृत्यदंड


शुक्रवार को अदालत में इस चर्चित मामले में अंतिम सुनवाई चली। दोपहर 1:30 बजे कोर्ट ने आरोपी को दोष सिद्ध पाया। दंड के लिए फैसला सुरक्षित रखा। आरोपी के वकील ने उसके ग्रामीण परिवेश का होने, नवयुवक व प्रथम अपराध होने के आधार पर दंड पर नरम रवैया अपनाए जाने की जिरह की। अभियोजन पक्ष के वकील ने तर्क दिया कि आरोपी ने क्रूरता की परिसीमा को पार करते हुए कुख्यात होने की पैशाचिक मानसिकता के कारण एक गरीब जो चौकीदारी कर अपने परिवार का भरण-पोषण कर रहा था की नृशंस हत्या की है।


यह विरल से विरलतम मामले की श्रेणी में आता है। इसमें सुधार की कोई संभावना नहीं है। अत: इसे मृत्युदंड दिया जाए। कुछ न्याय दृष्दांत पेश किए गए। दोपहर 3 बजे कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा कि अभियुक्त ने सोते समय मृतक शंभू दयाल के सिर पर पत्थर पटककर हत्या की है। एक अबोध बालक और सोता हुआ व्यक्ति एक ही श्रेणी में आते हैं। जिन्हें उन पर हो रहे प्रतिघात अथवा हमले से प्रतिरक्षा का अवसर प्राप्त नहीं होता। इस न्यायालय के मत में सख्त सजा का दायी है, जो समाज में उचित संदेश लेकर जाए। परंतु वह दंड मृत्युदंड नहीं है।

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